बोधगया मंदिर

बोधगया मंदिर: फरवरी 2024 से, अखिल भारतीय बौद्ध भिक्षु संघ (AIBF) के लगभग 100 बौद्ध भिक्षु बोधगया मंदिर अधिनियम (BTA), 1949 के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं।

  • बोधगया मंदिर के बारे में: बोधगया बौद्ध धर्म के चार प्रमुख पवित्र स्थलों में से एक है, अन्य तीन हैं — लुंबिनी (बुद्ध का जन्मस्थान), सारनाथ (प्रथम उपदेश स्थल), और कुशीनगर (परिनिर्वाण स्थल)।
  • ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:

o तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व: मौर्य सम्राट अशोक ने बोधिवृक्ष की पूजा की और एक मंदिर का निर्माण कराया।

o हर्षवर्धन का शासनकाल (629 ई.): चीनी यात्री ह्वेन त्सांग ने बोधगया का भ्रमण किया और इसे एक बौद्ध स्थल के रूप में पहचाना।

o 13वीं शताब्दी: बख्तियार खिलजी के आक्रमण से क्षेत्र में बौद्ध धर्म का पतन हुआ।

o 1590 (अकबर का शासनकाल): एक हिन्दू संन्यासी ने बोधगया मठ की स्थापना की, जिससे मंदिर हिन्दू नियंत्रण में आ गया।

o 1949 (स्वतंत्रता के बाद): बिहार विधानसभा ने BTA पारित कर मंदिर का नियंत्रण प्रबंधन समिति को सौंप दिया गया।

  • बौद्ध धर्म के बारे में: सिद्धार्थ गौतम द्वारा छठी शताब्दी ईसा पूर्व में प्राचीन भारत में स्थापित।

o गंगा के मैदान में द्वितीय शहरीकरण के दौरान सामाजिक परिवर्तन की पृष्ठभूमि में विकसित हुआ।

o बौद्ध उपदेशों ने वैदिक अनुष्ठानों और जाति व्यवस्था से असंतुष्ट लोगों को आकर्षित किया।

o व्यापारी और शिल्पकार राजनीतिक एवं आर्थिक रूप से बौद्ध धर्म का समर्थन करते थे।

  • मौर्य साम्राज्य (अशोक का शासन): अशोक के शासनकाल में बौद्ध धर्म का भारत और विदेशों में विस्तार हुआ।

o सैद्धांतिक मतभेदों के कारण थेरवाद और महायान शाखाओं का उद्भव हुआ।