जीन बैंक

जीन बैंक:भारत 2025-26 के केंद्रीय बजट की "नवाचार में निवेश" थीम के तहत 10 लाख फसल जर्मप्लाज्म को संरक्षित करने के लिए दूसरा राष्ट्रीय जीन बैंक स्थापित करेगा, जिससे भविष्य की खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

  • जीन बैंक के बारे में: यह एक भंडारण सुविधा है जो बीजों, परागकणों और पौधों के ऊतकों को संरक्षित करके पौध प्रजातियों की रक्षा करता है

o भविष्य में उपयोग के लिए पौध आनुवंशिक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करता है।

o फसल प्रजनन, वैज्ञानिक अनुसंधान और जैव विविधता संरक्षण का समर्थन करता है।

o जलवायु अनुकूलता और खाद्य सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण आनुवंशिक विविधता बनाए रखता है।

  • भारत का पहला राष्ट्रीय जीन बैंक के बारे में: इसकी स्थापना 1996 में ICAR-NBPGR (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद - राष्ट्रीय पादप आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो), नई दिल्ली द्वारा की गई थी।
  • वैश्विक रैंकिंग: नॉर्वे के स्वालबार्ड ग्लोबल सीड वॉल्ट के बाद दूसरा सबसे बड़ा जीन बैंक।
  • वर्तमान स्थिति: 2,157 प्रजातियों के 4,71,561 एक्सेशन्स को संजोए हुए है।

o यह सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में फसल सुधार और संरक्षण के लिए पौध आनुवंशिक संसाधन प्रदान करता है।

  • राष्ट्रीय पादप आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (NBPGR): ICAR के अधीन एक प्रमुख संस्थान।
  • उद्देश्य: सतत कृषि और खाद्य सुरक्षा के लिए पौध आनुवंशिक संसाधनों का संरक्षण, मूल्यांकन और उपयोग
  • मुख्यालय: नई दिल्ली।
  • राष्ट्रीय जीन कोष: पौध किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 2001 (PPVFR अधिनियम) की धारा 45 के अंतर्गत स्थापित, जिससे आनुवंशिक संसाधनों से प्राप्त लाभों का न्यायसंगत वितरण सुनिश्चित किया जा सके।