सेमी क्रायोजेनिक प्रणोदन प्रणाली

सेमी क्रायोजेनिक प्रणोदन प्रणाली: हाल ही में ISRO ने एक सेमि क्रायोजेनिक इंजन (लिक्विड ऑक्सीजन/केरोसीन इंजन) के विकास में महत्वपूर्ण प्रगति की घोषणा की है, जिसमें लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (LVM3) के सेमिक्रायोजेनिक बूस्टर चरण के लिए 2000 kN की उच्च थ्रस्ट क्षमता है।

  • सेमिक्रायोजेनिक प्रणोदन प्रणाली के बारे में: इसमें द्रव ऑक्सीजन (LOX) और केरोसीन को प्रणोदक के रूप में उपयोग किया जाता है, जो अविषाक्त और अप्रवर्तक होते हैं।

o ISRO के लिक्विड प्रपल्शन सिस्टम्स सेंटर (LPSC) द्वारा विकसित।

o SC120 चरण, जिसे 2000 kN की सेमिक्रायोजेनिक इंजन (SE2000) शक्ति प्रदान करती है, वह LVM3 में वर्तमान L110 कोर लिक्विड स्टेज की जगह लेगी, जिससे वहन क्षमता (payload capacity) में वृद्धि होगी।

o यह ऑक्सीडाइज़र-समृद्ध चरणबद्ध दहन चक्र (oxidiser-rich staged combustion cycle) पर कार्य करता है।

  • SE2000 इंजन की प्रमुख उप-प्रणालियाँ: थ्रस्ट चैंबर, प्री-बर्नर, टर्बो पंप प्रणाली, नियंत्रण घटक, और स्टार्टअप प्रणाली।
  • लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (LVM3) के बारे में: भारत का सबसे भारी प्रक्षेपण यान, जिसे पहले GSLV Mk-III के नाम से जाना जाता था। इसका उपयोग भारी उपग्रहों को भूस्थैतिक स्थानांतरण कक्षा (GTO) और अंतरिक्ष की गहरी मिशनों में प्रक्षेपित करने के लिए किया जाता है।

o इसमें तीन चरण होते हैं: सॉलिड रॉकेट बूस्टर्स (S200) → लिक्विड कोर स्टेज (L110) – जिसे अब नए सेमिक्रायोजेनिक SC120 चरण से प्रतिस्थापित किया जाएगा → क्रायोजेनिक अपर स्टेज (C25) ।

o इसने चंद्रयान-2, चंद्रयान-3, तथा गगनयान मिशनों में प्रमुख भूमिका निभाई है।