भारत का डीप सी मिशन / मत्स्य-6000 (India’s Deep Sea Mission / Matsya-6000)

भारत का डीप सी मिशन / मत्स्य-6000 (India’s Deep Sea Mission / Matsya-6000): हाल ही में भारत ने मत्स्य-6000 पनडुब्बी का जल परीक्षण सफलतापूर्वक पूर्ण किया, जो समुद्र की सतह से 6 किमी गहराई तक खनिज अन्वेषण हेतु गोता लगाने में सक्षम है।

  • मुख्य बिंदु: भारत का पहला मानव-संचालित डीप-सी वाहन 2025 के अंत तक प्रक्षेपित किया जाएगा, जिससे भारत उन गिने-चुने देशों में शामिल हो जाएगा जो इतनी गहराई तक मनुष्यों को भेजने में सक्षम हैं।

o चीन ने एक डीप-सी केबल-कटिंग डिवाइस का अनावरण किया है, जो पानी के नीचे की संचार और विद्युत लाइनों को काटने में सक्षम है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि डीप-सी तकनीक का रणनीतिक महत्व लगातार बढ़ रहा है।

  • भारत के डीप सी मिशन / मत्स्य-6000 के बारे में: यह भू-विज्ञान मंत्रालय (Ministry of Earth Sciences) के अंतर्गत 2018 में प्रारंभ किए गए डीप ओशन मिशन का हिस्सा है।
  • मत्स्य 6000 पनडुब्बी के बारे में: यह भारत की गहरे समुद्र में उतरने वाली पनडुब्बी है, जिसे महासागर अन्वेषण, गहरे समुद्र में खनन और जैव विविधता अध्ययन के लिए विकसित किया गया है।

o इसे समुद्रयान मिशन के तहत नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशन टेक्नोलॉजी (NIOT) द्वारा विकसित किया गया है।

  • विशेषताएँ: यह उन्नत जीवन रक्षक प्रणालियों, नेविगेशन उपकरण, सैंपल एकत्रण के लिए रोबोटिक भुजाओं, और हाई-रेज़ोलूशन इमेजिंग सिस्टम से सुसज्जित है।

o इसमें 2.1 मीटर आंतरिक व्यास वाली टाइटेनियम मिश्रधातु की मानव कैप्सूल इकाई है, जो 6000 मीटर गहराई तक सुरक्षित मानव परिवहन सुनिश्चित करती है।

o यह टाइटेनियम मिश्रधातु कैप्सूल ISRO के सहयोग से एकीकृत किया जा रहा है।