तटीय पोत परिवहन विधेयक, 2024: हाल ही में तटीय पोत परिवहन विधेयक, 2024 लोक सभा में पारित किया गया, जिसका उद्देश्य भारत में तटीय और अंतर्देशीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए एक समर्पित कानूनी ढांचा प्रदान करना है।
o उद्देश्य: भारत के समुद्र तट की क्षमता का उपयोग करना और सड़क तथा रेल नेटवर्क पर भार को कम करना।
o नीति समन्वयन: इसे राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति और सरकार की मल्टी-मॉडल परिवहन दृष्टि से जोड़ा गया है।
o कानूनी संशोधन: यह पुरातन 1958 मर्चेंट शिपिंग अधिनियम, 1958 को प्रतिस्थापित कर भविष्योन्मुखी कानूनी ढांचा प्रस्तुत करता है।
o विदेशी पोतों का विनियमन: तटीय व्यापार में विदेशी पोतों के लिए लाइसेंसिंग की व्यवस्था लागू की गई है।
o रणनीतिक योजना: राष्ट्रीय तटीय और अंतर्देशीय नौवहन रणनीतिक योजना तैयार करने का प्रावधान, जिसे प्रत्येक दो वर्षों में अद्यतन (revised) किया जाएगा।
o डेटा एकीकरण: तटीय पोत परिवहन के लिए पारदर्शिता और समन्वय सुनिश्चित करने हेतु एक राष्ट्रीय डाटाबेस की स्थापना करता है।
o दंड प्रणाली: विदेशी चार्टर वाले जहाजों को गैर-अपराधीकरण के अनुरूप दंड देकर विनियमित किया जाता है।
o सरकारी पर्यवेक्षण: केंद्र सरकार को छूट प्रदान करने और नियम बनाने का अधिकार देता है।
o वैश्विक मानक: अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ संरेखण, जिन्हें भारतीय परिस्थितियों के अनुरूप बनाया गया है।
o व्यापार संवर्धन: तटीय व्यापार, अंतर्देशीय जलमार्गों और नदी-आधारित अर्थव्यवस्थाओं को सुदृढ़ करता है।
o राज्य सहयोग: ओडिशा, कर्नाटक, गोवा पर विशेष ध्यान, जिससे संयुक्त योजना और क्रियान्वयन संभव हो सके।