डीपफेक्स

डीपफेक्स: जैसे-जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) तेजी से विकसित हो रही है और डिजिटल प्लेटफॉर्म में व्यापक रूप से एकीकृत होती जा रही है, भारत सरकार डीपफेक्स के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए सक्रिय कदम उठा रही है।

  • डीपफेक्स के बारे में: डीपफेक्स कृत्रिम मीडिया को संदर्भित करता है, जिसमें वीडियो, छवियाँ या ऑडियो रिकॉर्डिंग शामिल हैं, जिन्हें उन्नत कृत्रिम बुद्धिमत्ता तकनीकों, विशेष रूप से डीप लर्निंग एल्गोरिद्म का उपयोग करके बनाया और बदला गया होता है।
  • भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदम:

o सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (आईटी अधिनियम): इसमें पहचान की चोरी, गोपनीयता के उल्लंघन, अश्लील या बाल शोषण से संबंधित सामग्री के साझा करने, और अन्य अवैध डिजिटल गतिविधियों के लिए दंड शामिल हैं।

o आईटी नियम, 2021 एवं संशोधन: मध्यस्थों को उचित सतर्कता बरतनी होगी, चिह्नित किए जाने पर अवैध सामग्री को तुरंत हटाना होगा, और ऐसी सामग्री को रोकना होगा जो घृणा फैलाए, राष्ट्रीय अखंडता को खतरे में डाले, उपयोगकर्ताओं को गुमराह करना या डीपफेक्स जैसी गलत जानकारी प्रसारित करना।

o भारतीय कंप्यूटर आपात प्रतिक्रिया दल (CERT-In): यह डीपफेक पर परामर्श, साइबर स्वच्छता केंद्र, CSIRT-Fin तथा साइबर स्वच्छता जागरूकता को शामिल करता है। इसके अतिरिक्त यह साइबर सुरक्षा जागरूकता माह, सेफर इंटरनेट डे और साइबर जागरूकता दिवस जैसी अभियानों का संचालन करता है।

o गृह मंत्रालय (MHA): इसने भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C), राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल की स्थापना की है, तथा साइबर धोखाधड़ी (जिसमें डीपफेक्स भी शामिल हैं) की रिपोर्टिंग के लिए टोल-फ्री हेल्पलाइन 1930 प्रारंभ की है।