हैडियन प्रोटोक्रस्ट

हैडियन प्रोटोक्रस्ट: ऑस्ट्रेलिया के मैक्वेरी विश्वविद्यालय द्वारा किए गए एक हालिया अध्ययन ने एक प्रमुख भूवैज्ञानिक धारणा को चुनौती दी है, जिसमें यह सुझाव दिया गया है कि प्लेट टेक्टोनिक्स से जुड़े रासायनिक संकेत प्लेट सबडक्शन के शुरू होने से पहले हेडियन प्रोटोक्रस्ट में मौजूद हो सकते हैं।

  • इसके बारे में: हैडियन प्रोटोक्रस्ट वह नाम है जो पृथ्वी की सबसे बाहरी परत (क्रस्ट) को दिया गया है, जब वह पहली बार बनी थी।
  • हैडियन कल्प (Hadean Aeon): 'हैडियन' शब्द पृथ्वी के सबसे पहले भूगर्भिक कल्प (geologic aeon) को दर्शाने के लिए प्रयोग होता है।
  • प्रारंभिक पृथ्वी की स्थितियाँ: इसके सृजन के 200 मिलियन वर्षों के भीतर पृथ्वी की सतह आंशिक रूप से पिघली हुई थी और अंतरिक्ष से चट्टानों के हमले से लगभग लगातार प्रभावित हो रही थी।

o कई ज्वालामुखियों के विस्फोट के कारण सतह अत्यधिक गर्म जैसे हालातों वाली थी।

  • भूपर्पटी का निर्माण: जैसे-जैसे मैग्मा महासागर के कुछ हिस्से ठंडे होते गए, भूपर्पटी के पहले टुकड़े आकार लेने लगे।

o भूपर्पटी कुछ-कुछ परतदार थी, कुछ भाग उखड़ रहे थे और कुछ नए भाग ठोस बन रहे थे।

o मोटे भाग धीरे-धीरे प्रथम महाद्वीपों में परिवर्तित हुए, जो प्लेट्स की तरह एस्थेनोस्फेरिक मैंटल (400 किमी गहराई तक फैली हुई गर्म, चिपचिपी चट्टानों की परत) पर गतिशील थे।

  • प्लेट टेक्टोनिक्स: प्लेटें आपस में टकराने लगीं, एक-दूसरे के ऊपर चढ़ने या नीचे खिसकने लगीं।

o ऐसी प्लेट टेक्टोनिक्स ने सहस्राब्दियों से क्रस्ट में अद्वितीय रासायनिक संकेत छोड़े हैं।

o वैज्ञानिकों ने इन रासायनिक संकेतों का अध्ययन करके प्लेट टेक्टोनिक्स के इतिहास को समझा है।

  • नए अध्ययन के निष्कर्ष: शोधकर्ताओं ने पाया कि प्लेट टेक्टोनिक्स से जुड़े रासायनिक संकेत हैडियन प्रोटोक्रस्ट में पहले से ही मौजूद थे, प्लेटों के नीचे धंसने (subduction) की प्रक्रिया शुरू होने से पहले।