अदालत की अवमानना (Contempt of Court): भारत के कानून मंत्री के अनुसार, वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों में 1.45 लाख से अधिक अवमानना के मामले लंबित हैं।
o नागरिक अवमानना: इसका तात्पर्य किसी न्यायालय के आदेश की जानबूझकर अवहेलना से है।
o आपराधिक अवमानना: इसमें कोई भी ऐसा कार्य या प्रकाशन शामिल है जो—
o किसी भी न्यायिक कार्यवाही पर प्रतिकूल प्रभाव डालना, तथा किसी भी अन्य तरीके से न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप करना
o अनुच्छेद 19(2): संविधान के अनुच्छेद 19(2) के अंतर्गत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मूल अधिकार पर न्यायालय की अवमानना को एक यथोचित प्रतिबंध के रूप में सम्मिलित किया गया है।
o अनुच्छेद 129: इसमें उल्लेख है, "सुप्रीम कोर्ट एक अभिलेख न्यायालय (court of record) होगा और उसे ऐसे न्यायालय की सभी शक्तियाँ प्राप्त होंगी, जिसमें स्वयं की अवमानना के लिए दंडित करने की शक्ति भी सम्मिलित है।“
o अनुच्छेद 215: अनुच्छेद 129 के समान, अनुच्छेद 215 उच्च न्यायालयों को उनके अधिकार क्षेत्र के भीतर अपनी अवमानना के लिए दंडित करने का अधिकार प्रदान करता है।