महिलाओं और पुरुषों के सामाजिक-आर्थिक संकेतक

महिलाओं और पुरुषों के सामाजिक-आर्थिक संकेतक: सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने अपनी प्रकाशन श्रृंखला "भारत में महिलाएँ और पुरुष 2024: चयनित संकेतक और आंकड़े" के 26वें संस्करण को जारी किया है। यह प्रकाशन लिंग-आधारित विभाजनों के साथ जनसंख्या, शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक भागीदारी और निर्णय-निर्माण से संबंधित सामाजिक-आर्थिक संकेतकों की झलक प्रदान करता है।

  • रिपोर्ट की मुख्य बातें (2024 संस्करण)
  • शिक्षा:
प्राथमिक और उच्चतर माध्यमिक GPI (Gender Parity Index): निरंतर उच्च स्तर → महिला नामांकन में मज़बूती

o उच्च प्राथमिक एवं प्राथमिक GPI: उतार-चढ़ाव रहा, लेकिन लगभग बराबरी पर रहा।

  • श्रम बल भागीदारी दर (15+ वर्ष): 2017-18 में 49.8% से बढ़कर 2023-24 में 60.1% हुई।
  • बैंकिंग पहुँच: महिलाओं की स्वामित्व हिस्सेदारी: सभी बैंक खातों में 39.2%।
  • कुल जमा राशि में 39.7%, कुल जमा का 39.7%। ग्रामीण खाताधारकों में 42.2% महिलाएँ हैं।
  • महिला-नेतृत्व वाले उद्यम: महिलाओं द्वारा संचालित व्यक्तिगत प्रतिष्ठान निर्माण और विनिर्माण व्यापार में बढ़ रहे हैं।
  • राजनीतिक भागीदारी: मतदाता वृद्धि: 1952 (173.2 मिलियन) → 2024 (978 मिलियन) ।

o महिला मतदाता उपस्थिति: 2019: 67.2% → 2024: 65.8%।

  • लैंगिक अंतर में कमी: 2024 में महिला मतदाता सहभागिता पुरुषों से अधिक रही।
  • उद्यमिता: कम-से-कम एक महिला निदेशक वाली स्टार्टअप कंपनियाँ (DPIIT द्वारा मान्यता प्राप्त): 2017: (1,943) → 2024: (17,405) → महिला उद्यमिता में सकारात्मक प्रवृत्ति।
  • संबंधित जानकारी: सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) का गठन अक्टूबर 1999 में सांख्यिकी विभाग और कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग के विलय से हुआ था। इस मंत्रालय की दो शाखाएँ हैं: → सांख्यिकी (राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय - NSO) → कार्यक्रम कार्यान्वयन (PI)।