भारत 6G गठबंधन (B6GA)

भारत 6G गठबंधन (B6GA): "भारत 6G विजन"को प्रधानमंत्री द्वारा 23 मार्च 2023 को जारी किया गया था।

  • इसका मुख्य फोकस 6G प्रौद्योगिकी में किफायती (Affordability), स्थिरता (Sustainability) और सर्वव्यापकता (Ubiquity) पर है।
  • भारत 6G गठबंधन (B6GA) के बारे में: दूरसंचार विभाग द्वारा सुगम बनाया गया, जो "भारत 6G विजन" के लिए एक कार्य योजना विकसित करेगा।
  • उद्देश्य: सार्वभौमिक और किफायती कनेक्टिविटी के लिए एक सहयोगी मंच (Collaborative Platform) प्रदान करना, स्वदेशी प्रौद्योगिकी (Indigenous Technology) को बढ़ावा देना, और भारत को वैश्विक दूरसंचार नेता (Global Telecom Leader) के रूप में स्थापित करना।
  • संरचना: इसमें सार्वजनिक और निजी कंपनियाँ, शिक्षाविद, अनुसंधान संस्थान और मानक विकास संगठन शामिल हैं।
  • वैश्विक सहयोग: अन्य वैश्विक 6G गठबंधनों के साथ समन्वय स्थापित करेगा, जिससे अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और ज्ञान विनिमय को बढ़ावा मिलेगा।
  • प्रमुख लक्ष्य: भारत को बौद्धिक संपदा (IP), उत्पादों (Products) और किफायती 5G एवं 6G समाधानM का एक प्रमुख वैश्विक आपूर्तिकर्ता (Global Supplier) बनाना।
  • 6G के लिए आवृत्ति (Frequency) बैंड:

oअध्ययनाधीन: 4400-4800 MHz, 7125-8400 MHz, और 14.8-15.35 GHz – इनका अध्ययन "अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ" (ITU) द्वारा "अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल दूरसंचार" (IMT) के लिए किया जा रहा है।

oवर्तमान में पहचाने गए बैंड: 600 MHz, 700 MHz, 800 MHz, 900 MHz, 1800 MHz, 2100 MHz, 2300 MHz, 2500 MHz, 3300 MHz, और 26 GHz।

oप्रौद्योगिकी परिनियोजन (Technology Deployment): इन बैंडों में स्पेक्ट्रम प्राप्त करने वाले "टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स" (TSPs) विभिन्न नेटवर्क तकनीकों (2G/3G/4G/5G/6G) को तैनात कर सकते हैं, जो डिवाइस ईकोसिस्टम की उपलब्धता पर निर्भर करेगा।