नीलगाय (ब्लू बुल)

बिहार में 2024-25 (फरवरी तक) में 4,279 नीलगायों का शिकार किया गया, जो व्यापक फसल क्षति के कारण हुआ, जैसा कि राज्य पर्यावरण मंत्री ने विधानसभा में बताया।

  • नीलगाय (ब्लू बुल) के बारे में: "Nilgai" (हिंदुस्तानी) का अर्थ "नीली गाय" होता है, जो वयस्क बैलों के नीले-ग्रे रंग को संदर्भित करता है।
    • विशेषताएँ: लंबी गर्दन, छोटा सीधा सींग, हड्डीदार संकीर्ण सिर, बैरल जैसी छाती, लंबे पैर, और कंधों का ढलान पीछे की ओर।
    • सबसे बड़ी एशियाई मृग प्रजातिबोविडे (Bovidae) परिवार से संबंधित।
    • आवास: हल्के जंगलों, झाड़ीदार घासभूमि, कृषि क्षेत्रों और मानव बस्तियों के पास पाए जाते हैं।
    • वितरण: नेपाल, भारत और पाकिस्तान में पाई जाती है।
    • संरक्षण स्थिति:

    o IUCN रेड लिस्ट: कम संकटग्रस्त (Least Concern) श्रेणी में।

    o कानूनी संरक्षण: वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची-III में सूचीबद्ध।

    • कानूनी प्रावधान: केंद्र सरकार किसी जानवर को "वर्मिन" (हानिकारक जीव) घोषित कर सकती है, जिससे फसल सुरक्षा के लिए शिकार की अनुमति मिलती है। 

    o नीलगाय को बिहार में दिसंबर 2015 में वर्मिन घोषित किया गया था।

    • शिकार प्रक्रिया: कुछ राज्य अधिकारियों को शिकार की अनुमति देने का अधिकार प्राप्त होता है।

    o अधिकारी शिकार अभियान शुरू करने से पहले रणनीति तैयार करते हैं।

    मुखिया (ग्राम प्रधान) की इस पूरे प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका होती है।