आंत्रवायरस (Enteric Viruses): लंबे समय तक चलने वाली बारिश और लू जैसी चरम मौसमी घटनाओं के बढ़ने से नदियों, झीलों और तटीय जल में सीवेज से जुड़े वायरस के संपर्क में आने का खतरा बढ़ सकता है।
इसकेबारेमें: आंत्र वायरस (Enteric Viruses) दुनियाभर मेंखाद्यऔरजलजनितबीमारियों के प्रमुख कारण हैं।
प्रकार: इसमें नोरोवायरस (Norovirus), सैपोवायरस (Sapovirus), हेपेटाइटिस A और E वायरस, आईची वायरस (Aichi Virus), एंटेरिक एडेनोवायरस (Enteric Adenoviruses), रोटावायरस (Rotavirus), और एस्ट्रोवायरस (Astroviruses) शामिल हैं।
संक्रमण: ये दूषित भोजन और पानी के माध्यम से फैलते हैं और पशु-जनित संचरण (Zoonotic Transmission) की संभावना होती है।
जलमेंअस्तित्व: समुद्री जल (30°C) में, ये वायरस 3 दिनों तक संक्रामक रहते हैं; जबकि ठंडे तापमान पर, 1 सप्ताह तक जीवित रह सकते हैं।
धूप में, ये वायरस 24 घंटे से कम जीवित रहते हैं, लेकिन बादलों वाले मौसम में लगभग 2.5 दिनों तक सक्रिय रहते हैं।
स्वास्थ्यजोखिम (Health Risks): सीवेज अपशिष्ट और कृषि अपवाह (Agricultural Runoff) के कारण मनोरंजनात्मक जल उपयोगकर्ताओं (Recreational Water Users) को खतरा।
वैश्विकचिंता: कई देश अब भी अनुपचारित या आंशिक रूप से उपचारित सीवेज को प्राकृतिक जल स्रोतों में छोड़ते हैं, जिससे यह वैश्विक स्वास्थ्य जोखिम बन जाता है।