IM-2 मिशन

हाल ही में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से इंट्यूटिव मशीन्स (Intuitive Machines) द्वारा यह मिशन लॉन्च किया गया।

  • इस मिशन का उद्देश्य चंद्रमा के सुदूर हिस्से में कीमती संसाधनों का खनन करना और पहला चंद्र सतह सेलुलर नेटवर्क स्थापित करना है।
  • IM-2 मिशन के बारे में: IM-2 नासा के "कॉमर्शियल लूनर पेलोड सर्विसेज प्रोग्राम" का हिस्सा है, जो निजी क्षेत्र द्वारा संचालित चंद्र अभियानों का समर्थन करता है।

o यह मिशन मोंस मॉटन (Mons Mouton) नामक पर्वत पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा।

o चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव अपनी संभावित बर्फ और दुर्लभ खनिजों के कारण वैज्ञानिकों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है, जिसे भविष्य के अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए आवश्यक माना जा रहा है।

o IM-2 मिशन नासा के उपकरणों का उपयोग करेगा, जो चंद्र सतह में तीन फीट तक ड्रिल करके पानी और कार्बन डाइऑक्साइड की खोज करेंगे।

  • चंद्र सेलुलर कनेक्टिविटी:

o चंद्रमा से संचार परंपरागत रूप से रेडियो तरंगों पर निर्भर रहा है, जिसके लिए ट्रांसमिटिंग और रिसीविंग एंटेना के बीच स्पष्ट दृष्टि रेखा (line of sight) की आवश्यकता होती है।

o नासा और नोकिया ने नासा के आर्टेमिस कार्यक्रम को समर्थन देने के लिए चंद्र सेलुलर नेटवर्क विकसित करने की साझेदारी की है, जिसका लक्ष्य 2030 से पहले अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर वापस भेजना है।

o जनवरी 2025 में, नोकिया ने घोषणा की कि उसका लूनर सरफेस कम्युनिकेशन सिस्टम (LSCS) "एथेना" (Athena) में पूरी तरह से एकीकृत हो जाएगा।

o LSCS, 4G/LTE तकनीक का उपयोग करेगा, जिसे इसकी विश्वसनीयता (reliability), प्रदर्शन (performance), विस्तार क्षमता (scalability), और 5G के साथ भविष्य में संगतता के कारण चुना गया है।