हेग सेवा अभिसमय

अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने भारत से हेग सेवा अभिसमय, 1965 के तहत सहायता मांगी है, ताकि गौतम अडानी और सागर अडानी को प्रतिभूति और वायर धोखाधड़ी मामले में सम्मन (summons) भेजा जा सके।

  • SEC ने अभिसमय के अनुच्छेद 5(a) का हवाला देते हुए, भारत के विधि और न्याय मंत्रालय से समन भेजने की प्रक्रिया में सहायता करने का अनुरोध किया है।
  • हेग सेवा अभिसमय के बारे में: यह हेग सम्मेलन (1965) में निजी अंतरराष्ट्रीय कानून पर अपनाया गया था, ताकि सीमापार मुकदमों में कानूनी दस्तावेजों की प्रभावी और विश्वसनीय सेवा सुनिश्चित की जा सके।

o 84 देश इस संधि के हस्ताक्षरकर्ता हैं, जिनमें भारत और अमेरिका भी शामिल हैं।

o यह तभी लागू होता है, जब भेजने वाला और प्राप्त करने वाला देश दोनों इस संधि के हस्ताक्षरकर्ता हों।

o प्रत्येक देश एक केंद्रीय प्राधिकरण नियुक्त करता है, जो इन अनुरोधों को संसाधित करता है।

  • भारत में समन की सेवा: भारत ने 23 नवंबर 2006 को अनुच्छेद 10 के तहत निम्नलिखित पर प्रतिबंध लगाते हुए इसमें शामिल हुआ:

o राजनयिक या वाणिज्य दूतावास चैनलों के माध्यम से सेवा (मांग करने वाले देश के नागरिकों को छोड़कर)।

o डाक या अन्य राज्यों के न्यायिक अधिकारियों के माध्यम से सेवा।

  • केवल मान्य सेवा विधि: विधि और न्याय मंत्रालय, जो संप्रभुता/सुरक्षा चिंताओं (अनुच्छेद 13) का हवाला देते हुए अनुरोधों को अस्वीकार कर सकता है।