समुद्री बर्फ (Sea Ice)

BBC द्वारा अमेरिकी राष्ट्रीय हिम और बर्फ डेटा केंद्र (NSIDC) के आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार, वैश्विक समुद्री बर्फ का स्तर रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है।
  • समुद्री बर्फ के बारे में: यह ध्रुवीय क्षेत्रों (Polar Regions) में मुक्त रूप से तैरने वाली बर्फ को संदर्भित करता है।

o सर्दियों में यह फैलती है और गर्मियों में पिघलती है, लेकिन कुछ मात्रा में वर्षभर बनी रहती है।

o आइसबर्ग, ग्लेशियर, आइस शीट और आइस शेल्फ से भिन्न होती है, क्योंकि वे भूमि पर बनते हैं।

  • आर्कटिक समुद्री बर्फ में गिरावट:

o 2025 तक गिरावट के कारण: हडसन खाड़ी (Hudson Bay) में विलंबित जमाव (गर्म समुद्री तापमान के कारण)। → बैरेंट्स सागर और बेरिंग सागर में तूफानों द्वारा बर्फ का टूटना। → हवा का उच्च तापमान (उदाहरण: स्वालबार्ड, नॉर्वे) → बर्फ पतली और अधिक नाजुक हो रही है, जिससे यह आसानी से तूफानों से टूट जाती है।

  • अंटार्कटिक समुद्री बर्फ में उतार-चढ़ाव: 2025 में समुद्री बर्फ के  निम्न स्तर पर पहुँचने के कारण: दक्षिणी गोलार्ध की गर्मियों के अंत में गर्म हवा और समुद्र का बढ़ता तापमान। → बर्फ तोड़ने वाली तेज़ हवाएँ (अंटार्कटिक बर्फ आर्कटिक बर्फ की तुलना में पतली और अधिक गतिशील होती है)। → अंटार्कटिक आइस शेल्फ का पिघलना, जिससे महासागर का तापमान और अधिक बढ़ रहा है (ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वेक्षण के अनुसार)।
  • समुद्री बर्फ में गिरावट के प्रभाव: कम समुद्री बर्फ → अधिक महासागर उजागर होता है → अधिक गर्मी अवशोषित होती है → तेजी से वैश्विक तापमान में वृद्धि।