सेमाग्लूटाइड और टिर्जेपेटाइड (Semaglutide & Tirzepatide)

हाल ही में, आगरा के एक 32 वर्षीय व्यवसायी (105 किग्रा) ने टिर्जेपेटाइड (दुबई से खरीदी गई) को बिना चिकित्सा देखरेख के स्वयं इंजेक्ट करने के बाद गैस्ट्रोपेरेसिस (gastroparesis) विकसित कर ली।
  • उसने एक महीने में 15 मिलीग्राम की उच्चतम खुराक ली, जिससे गंभीर जटिलताएँ और बैरिएट्रिक सर्जरी की आवश्यकता पड़ी।
  • गैस्ट्रोपेरेसिस और जुड़े हुए जोखिम:

o गैस्ट्रोपेरेसिस में पेट की मांसपेशियों का आंशिक पक्षाघात (Paralysis) हो जाता है, जिससे पाचन धीमा हो जाता है।

o इसके कारणों में मधुमेह, ऊतक रोग, तंत्रिका संबंधी विकार, या नशीली दवाओं का अधिक सेवन शामिल हैं।

o जीवन रक्षक सर्जरी के दौरान यह जोखिम बढ़ाता है, क्योंकि अधपचा भोजन पेट में रह सकता है।

  • सेमाग्लूटाइड (Semaglutide): वजन घटाने और टाइप-2 मधुमेह में रक्त शर्करा नियंत्रण के लिए उपयोग किया जाता है। यह प्रमुख हृदय संबंधी घटनाओं और पुरानी किडनी की बीमारी के जोखिम को कम करने में सहयता करता है।
  • टिर्जेपेटाइड (ज़ेपबाउंड): वजन घटाने और वजन प्रबंधन के लिए अनुमोदित।
  • अन्य दुष्प्रभाव: ग्लूटियल और चेहरे की मांसपेशियों में मांसपेशी हानि (पेट के बजाय) → मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ, कुछ मामलों में आत्मघाती विचार भी हो सकते हैं → दवा बंद करने के बाद फिर से तेजी से वजन बढ़ सकता है → दीर्घकालिक प्रभाव अज्ञात हैं, क्योंकि ये दवाएँ भारत में उपलब्ध नहीं हैं।