वर्चुअल डिजिटल संपत्तियाँ (VDAs)

भारत में पहली बार, आयकर विधेयक, 2025 वर्चुअल डिजिटल संपत्तियों (VDAs) को संपत्ति और पूंजीगत परिसंपत्तियों के रूप में मान्यता देता है।

  • इस वर्गीकरण से कराधान, विनियमन और क्रिप्टो संपत्तियों की जब्ती को सक्षम बनाया गया है ताकि अवैध वित्तीय गतिविधियों को रोका जा सके।
  • भारत की कर प्रणाली को यू.के., यू.एस., सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और U.A.E द्वारा अपनाई गई वैश्विक प्रथाओं के अनुरूप बनाना।
  • वर्चुअल डिजिटल संपत्तियों (VDAs) के बारे में: आयकर विधेयक, 2025 की धारा 2(111) के अनुसार, VDAs में क्रिप्टो संपत्तियाँ, नॉन-फंजिबल टोकन (NFTs) और समान डिजिटल संपत्तियाँ शामिल हैं।
  • संपत्ति के रूप में VDAs: संपत्ति (धारा 92(5)(f)) और पूंजीगत परिसंपत्ति (धारा 76(1)) के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जो कराधान, अनुपालन और कानूनी मान्यता को प्रभावित करता है।
  • VDAs पर कराधान:

o पूंजीगत लाभ कर: VDAs की बिक्री, हस्तांतरण या विनिमय से प्राप्त कोई भी लाभ पूंजीगत लाभ के प्रावधानों के अंतर्गत कर योग्य होगा, ठीक वैसे ही जैसे रियल एस्टेट, स्टॉक्स और बॉन्ड्स पर कर लगाया जाता है।

o 30% की निश्चित कर दर: VDA के हस्तांतरण से होने वाली आय पर 30% की दर से कर लगेगा, और लागत के अलावा कोई कटौती की अनुमति नहीं होगी।

o उदाहरण: यदि कोई व्यक्ति ₹10 लाख में बिटकॉइन खरीदता है और ₹20 लाख में बेचता है, तो उसे ₹10 लाख का लाभ होगा, जिस पर 30% की दर से कर लगेगा।