लोकपाल

1.लोकपाल: हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने लोकपाल आदेश के मामले में स्वतः संज्ञान लिया, जिसमें लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 के तहत उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को 'लोक सेवक' घोषित किया गया था, तथा लोकपाल आदेश पर रोक लगाते हुए इसकी व्याख्या को "बहुत परेशान करने वाला" बताया।

  • भारत में लोकपाल के बारे में: लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 की धारा 3 के तहत लोकपाल संस्था की स्थापना केंद्र स्तर पर तथा लोकायुक्तों की राज्य स्तर पर की गई, ताकि सार्वजनिक अधिकारियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की जा सके।
  • लोकपाल की शक्तियाँ: तलाशी एवं जब्ती → पूछताछ एवं अन्वेषण के लिए सिविल प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत शक्तियां → संपत्तियों की कुर्की एवं अन्य भ्रष्टाचार विरोधी उपाय → CBI एवं अन्य एजेंसियों को संदर्भित मामलों में पर्यवेक्षण एवं दिशा-निर्देश देने की शक्ति।
  • लोकपाल का क्षेत्राधिकार: भ्रष्टाचार के आरोपों को कवर करता है - प्रधानमंत्री (पूर्व और वर्तमान) [कुछ प्रतिबंधों के साथ] → केंद्रीय मंत्री एवं संसद सदस्य → केंद्र सरकार के अधिकारी (समूह A, B, C, D) →   → अध्यक्ष, सदस्य, अधिकारी, निदेशक, बोर्ड, निगम, सोसाइटी, ट्रस्ट, स्वायत्त निकाय जो संसद या आंशिक/पूर्ण रूप से केंद्र/राज्य सरकार द्वारा वित्तपोषित हैं।
  • नियुक्ति: अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा एक चयन समिति की अनुशंसा पर की जाएगी जिसमें प्रधानमंत्री (अध्यक्ष), लोकसभा अध्यक्ष, लोकसभा में विपक्ष के नेता, भारत के मुख्य न्यायाधीश (या उनके द्वारा नामित) और एक प्रतिष्ठित न्यायविद शामिल होंगे।