रामसर सम्मेलन

हाल ही में, मेघालय उच्च न्यायालय ने राज्य में वेटलैंड (आर्द्रभूमि) संरक्षण की निगरानी के लिए स्वतः संज्ञान (suo motu) जनहित याचिका दायर की।

  • फरवरी 2 को विश्व आर्द्रभूमि दिवस (World Wetlands Day) के रूप में मनाया जाता है, जो रामसर सम्मेलन (1971) को अपनाने की स्मृति में होता है।
  • 2023 की थीम: 'हमारे साझा भविष्य के लिए आर्द्रभूमियों की रक्षा' था, जो ब्रंटलैंड रिपोर्ट (1987) के सतत विकास सिद्धांतों के अनुरूप है।
  • रामसर सम्मेलन के बारे में: "आर्द्रभूमि के संरक्षण और सतत उपयोग" के लिए अंतर्राष्ट्रीय संधि, 2 फरवरी 1971 को रामसर, ईरान में हस्ताक्षरित। अब तक 172 देश इस संधि को स्वीकार कर चुके हैं।
  • मुख्य सिद्धांत: "आर्द्रभूमियों का बुद्धिमानी से उपयोग" (सतत विकास के अंतर्गत पारिस्थितिक चरित्र का संरक्षण)।
  • इस संधि की आवश्यकता: आर्द्रभूमियां स्वच्छ जल आपूर्ति, खाद्य उत्पादन, जैव विविधता संरक्षण, बाढ़ नियंत्रण और जलवायु परिवर्तन शमन जैसी महत्वपूर्ण पारिस्थितिक सेवाएं प्रदान करती हैं।
  • पिछली शताब्दी में दुनिया की 64% आर्द्रभूमियां समाप्त हो चुकी हैं।
  • आर्द्रभूमि के बारे में: रामसर सम्मेलन के तहत आर्द्रभूमियों को व्यापक रूप से परिभाषित किया गया है। इसमें झीलें, नदियां, भूमिगत जलभृत (Aquifers), दलदल, आर्द्रभूमि घास के मैदान, मुहाने (Estuaries), मैंग्रोव, ज्वारीय समतल क्षेत्र (Tidal Flats), मूंगा चट्टानें, जलाशय, धान के खेत, नमक दलदल, मछलीपालन तालाब, और अन्य मानव-निर्मित स्थल शामिल हैं।