यूनेस्को मान्यता

यूनेस्को मान्यता: उत्तर प्रदेश सरकार पांच शहरों को अमूर्त विरासत (Intangible Heritage) और रचनात्मक शहरों (Creative Cities) के रूप में यूनेस्को मान्यता (UNESCO Recognition) के लिए आवेदन करेगी।

  • चयनित सांस्कृतिक शहरों (तत्वों) के बारे में: कन्नौज का इत्र → ब्रज की होली (लट्ठमार होली) → वाराणसी की गंगा आरती → फिरोजाबाद की कांच कला → आजमगढ़ की काली मिट्टी की कारीगरी (निज़ामाबाद)
  • आगे के प्रयास: बुंदेलखंड की लोक कला और लोक साहित्य को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल करने के प्रयास।
  • अनुसंधान क्षेत्र:

o कन्नौज का इत्र: डेग-भापका (Deg-Bhapka) पद्धति, ऐतिहासिक महत्व, सामाजिक-आर्थिक प्रभाव और पारंपरिक प्रक्रियाएँ।

o वाराणसी की गंगा आरती: ऐतिहासिक, आध्यात्मिक और अनुष्ठानिक महत्व।

o ब्रज की होली: लठमार होली पर विशेष ध्यान।

o बुंदेलखंड की लोक परंपराएँ: आल्हा गायन और राई नृत्य।

  • कारीगरी: आजमगढ़ की काली मिट्टी की कला और फिरोजाबाद का कांच उद्योग
  • ऐतिहासिक संदर्भ और यूनेस्को मान्यता: 2017 में, कुंभ मेला को केंद्र और राज्य सरकारों के प्रयासों से यूनेस्को द्वारा मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में मान्यता दी गई।
  • संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) के बारे में: संयुक्त राष्ट्र (UN) की एक विशेष एजेंसी के रूप में स्थापित।

o उद्देश्य: शिक्षा, विज्ञान और संस्कृति के माध्यम से शांति स्थापित करना।

o भूमिका: सतत विकास लक्ष्यों (SDGs - एजेंडा 2030) को प्राप्त करने में योगदान।

o सदस्य: 193 सदस्य देश और 11 सहयोगी सदस्य।

o भारत शामिल हुआ: 1946।

o संयुक्त राज्य अमेरिका और इज़राइल बाहर निकले: 2019।

o मुख्यालय: पेरिस, फ्रांस।