मतदाता फोटो पहचान पत्र

निर्वाचन आयोग (ECI) ने हाल ही में स्पष्ट किया कि एक ही मतदाता फोटो पहचान पत्र (EPIC) नंबर होने का अर्थ यह नहीं है कि मतदाता डुप्लिकेट या फर्जी मतदाता हैं। यह स्पष्टीकरण तब आया जब सोशल मीडिया पर यह चिंता जताई गई कि विभिन्न राज्यों के मतदाताओं के पास समान EPIC नंबर हो सकते हैं।

  • EPIC के बारे में: निर्वाचक नियमावली, 1960 के तहत जारी किया गया, ताकि चुनावों में धोखाधड़ी और पहचान की जालसाजी को रोका जा सके। 1993 में राज्य सरकारों द्वारा पंजीकृत मतदाताओं के लिए लागू किया गया।
  • प्रकृति और विशेषताएँ: यह पहचान पत्र है, लेकिन यह मतदान का अधिकार प्रदान नहीं करता। केवल निर्वाचक सूची में शामिल मतदाता ही वोट डाल सकते हैं।
  • इसमें शामिल विवरण: नाम, आयु, निवास स्थान, और मतदाता की फोटो।

o पंजीकरण अधिकारी के हस्ताक्षर की प्रतिकृति।

  • विशिष्ट EPIC नंबर: EC के "निर्वाचक सूची नियमावली, 2023" के अनुसार, प्रत्येक EPIC एक अद्वितीय अल्फान्यूमेरिक संख्या (तीन अक्षरों का कोड + सात अंकों की संख्या) से युक्त होता है।

o 2017 में "ERONET पोर्टल" के माध्यम से EPIC ऑनलाइन जनरेशन प्रणाली शुरू की गई।

o प्रतिस्थापन EPIC में मूल के समान ही संख्या बनी रहती है।