IMF रिपोर्ट "भारत वित्तीय प्रणाली स्थिरता मूल्यांकन" में NBFC क्षेत्र में पावरऔरइंफ्रास्ट्रक्चरलोन से अत्यधिक जुड़ाव और अन्य बाजारों से आपसी संबंधों के कारण तनाव को उजागर किया गया है।
भारतवित्तीयप्रणालीस्थिरतामूल्यांकनकेबारेमें: यह भारत की वित्तीय प्रणाली का मूल्यांकन है, जो इसकी स्थिरता और संवेदनशीलताओं का मूल्यांकन करता है।
वित्तीय वर्ष 2024 में 63% पावर सेक्टर लोन तीन सबसे बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग कंपनियों (NBFCs) से थे, जो 2019-20 के 55% से बढ़कर हैं।
राज्य-स्वामित्ववाली NBFCs, जैसे IREDA, उच्च जोखिम का सामना करती हैं।
मुद्रास्फीतिजनितमंदी(Stagflation) की स्थिति में सार्वजनिकक्षेत्रकेबैंक (PSBs) के लिए RBI द्वारा निर्धारित 9% का पूंजीपर्याप्तताअनुपात (CAR) बनाए रखना मुश्किल हो सकता है।
IMF नेसिफारिशकी है कि PSBs को सरकार को डिविडेंड का भुगतान करने के बजाय अपनी पूंजी आधार को मजबूत करने के लिए अपनी आय को बनाए रखना चाहिए।
IMF केबारेमें:1944 मेंस्थापित, इसका मुख्यालय वाशिंगटनडी.सी. में है।
विश्वआर्थिकपरिदृश्य, वैश्विकवित्तीयस्थिरतारिपोर्टऔरवित्तीयप्रणालीस्थिरताआकलन जैसी रिपोर्टें प्रकाशित करता है।
कार्य: सदस्य देशों को वित्तीय सहायता, नीति सलाह, और आर्थिक निगरानी प्रदान करता है।