4.भारतीयनैनो सैटेलाइट-1C (INS-1C): इसरो अधिकारियों के अनुसार, INS-1C उपग्रह पर लगा एक लघु मल्टी-स्पेक्ट्रल प्रौद्योगिकी प्रदर्शन (MMX-TD) कैमरा पृथ्वी की उच्च-रिज़ॉल्यूशन वाली छवियां भेज रहा है।
INS-1C केबारेमें: इसमें स्पेस एप्लिकेशन सेंटर (SAC) द्वारा विकसित मिनिएचर मल्टीस्पेक्ट्रल टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेशन (MMX-TD) पेलोड है।
PSLV-C40 मिशन: INS-1C को जनवरी 2018 में कक्षा में स्थापित किया गया था। यह भारतीय नैनो सैटेलाइट (INS) श्रृंखला का तीसरा उपग्रह है।
ओरिगेमीऑप्टिक्स: यह बहु-गुणा परावर्तक ऑप्टिक्स अवधारणा पर आधारित है, जिससे पारंपरिक कैमरों की तुलना में मोटाई कम होती है।
अनुप्रयोग: इस डेटा का उपयोग स्थलाकृतिक मानचित्रण, वनस्पति निगरानी, एरोसोल स्कैटरिंग और बादलों का अध्ययन के लिए किया जा सकता है।
कक्षाएवंइमेजिंग: यह 29 मीटर × 29 मीटर क्षेत्र की RGB छवियां प्रदान करता है, जिसमें 23 मीटर की जमीनी सैंपलिंग होती है। यह 505 किमी की ध्रुवीय सूर्य-समकालिक कक्षा से संचालित होता है।
प्रौद्योगिकीएवंविकास: इसे इसरो के स्पेस एप्लिकेशन सेंटर द्वारा "सुदृढ़ प्रौद्योगिकी विकास कार्यक्रम" के तहत विकसित किया गया है। इसमें पारंपरिक कांच आधारित लेंस के बजाय धातु के दर्पणों का उपयोग किया जाता है, जिससे स्पेक्ट्रल कवरेज बढ़ता है।