2.भारतीयकपासनिगम (CCI): CCI वर्तमान कपास वर्ष के दौरान 100+ लाखगांठें (Lakh Bales) न्यूनतमसमर्थनमूल्य (MSP) पर खरीदने की संभावना है।
CCI केबारेमें: यह भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय (Ministry of Textiles) के तहत एक प्रमुखएजेंसी(Nodal Agency) है। इसका उद्देश्य समानकपासवितरण), उचित मूल्य, आयात-निर्यातको सुगम बनाना, कपास किसानों का समर्थन करना, और वैश्विक स्तर पर भारतीय कपास को बढ़ावा देना है। किसानों को संकट में फसल बेचने से रोकने के लिए MSP पर कपास खरीदती है।
कस्तूरीकपासइंडियाकेबारेमें: 2020 में वस्त्र मंत्रालय के तहत शुरू किया गया, जिसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर स्वदेशी प्रीमियम कपास को बढ़ावा देना है।
उद्देश्य: भारतीय कपास का पता लगाने की क्षमता (Traceability), प्रमाणन (Certification) और ब्रांडिंग (Branding) को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाना।
ट्रेसबिलिटीप्रणाली: प्रत्येक प्रसंस्करण चरण में QR-आधारित प्रमाणन → ब्लॉकचेन-आधारित सॉफ़्टवेयर का उपयोग ट्रेसबिलिटी और लेनदेन प्रमाणपत्रों के लिए → QR कोड सत्यापन के साथ माइक्रोसाइट के माध्यम से ट्रैकिंग सुनिश्चित की जाती है।
o राष्ट्रीयस्तर पर कार्यान्वित और राष्ट्रीयएवंअंतर्राष्ट्रीयमंचों पर प्रचारित।
कोषआवंटन: राज्य-स्तर पर कोई आवंटन नहीं, कोष केंद्र सरकार द्वारा प्रबंधित।
जिनरसशक्तिकरण: भारत भर के जिनरों को कस्तूरी कॉटन भारत उत्पादन के लिए अधिकृत किया गया।
जिनिंगकेबारेमें: कताई प्रक्रिया का एक आवश्यक चरण → कच्चे कपास सेबीज, रेशा (Lint) औरविदेशीकणोंको अलग करता है → स्पिनिंग मिलों के लिए शुद्ध कपास प्रदान करता है।