बायोमार्कर (Biomarker)

शोधकर्ताओं ने हाल ही में अग्नाशय (pancreatic) और ग्लियोमा (glioma) कैंसर जैसे विभिन्न कैंसर प्रकारों में सामान्य मेटाबोलाइट्स की पहचान की है, जिससे उनके सार्वभौमिक कैंसर बायोमार्कर बनने की संभावना का संकेत मिलता है।

  • यह नॉन-इनवेसिव (non-invasive) पद्धति कैंसर के प्रारंभिक निदान और उपचार रणनीतियों के लिए एक प्रभावी तरीका प्रदान करती है।
  • बायोमार्कर के बारे में: यह एक जैविक अणु या विशेषता होती है, जो शरीर में किसी सामान्य या असामान्य प्रक्रियाओं को दर्शाता है।

o इसका उपयोग रोग का पता लगाने, उपचार की निगरानी करने और रोग विकसित होने के जोखिम का पूर्वानुमान लगाने में किया जा सकता है।

  • विश्वसनीय कैंसर बायोमार्कर की आवश्यकता:

o अग्नाशय और ग्लियोमा जैसे आक्रामक कैंसरों का अक्सर देर से निदान होता है और इनका पूर्वानुमान खराब होता है।

o गैर-आक्रामक बायोमार्कर प्रारंभिक कैंसर पहचान और उपचार रणनीतियों में मौजूद अंतराल को दूर करने में मदद कर सकते हैं।

  • नैनो संदेशवाहकों (Exosomes) की भूमिका: एक्सोसोम, जो ट्यूमर-व्युत्पन्न (Tumour-derived) मेटाबोलाइट्स के वाहक होते हैं, ट्यूमर के सूक्ष्म पर्यावरण (Tumour Microenvironment - TME) की जानकारी प्रदान करते हैं।

o ये ट्यूमर के भीतर चयापचय (metabolic) अंतःक्रियाओं का विश्लेषण करने में सहायता करते हैं, जिससे सटीक निदान और लक्षित उपचार संभव हो पाता है।