पृथ्वी का आंतरिक कोर

1.पृथ्वी का आंतरिक कोर: वैज्ञानिकों के एक समूह के अनुसार, पिछले 20 वर्षों में पृथ्वी के आंतरिक कोर का आकार बदल गया है।

  • इसके के बारे में: पृथ्वी का आंतरिक कोर इसकी सबसे भीतरी परत है, जो मुख्य रूप से लौह (Iron) और निकेल (Nickel) से बनी एक ठोस गोला है।

    यह पृथ्वी के केंद्र में स्थित है और इसका तापमान लगभग 5,200°C तक पहुंच सकता है।

    • आंतरिक कोर की भूमिका: यह पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है, जो सूर्य के विकिरण से जीवन की रक्षा करता है।

    o यह बाहरी कोर और ग्रह से स्वतंत्र रूप से घूमता है और जीवन के लिए आवश्यक है; इसके बिना, पृथ्वी, मंगल (Mars) की तरह हो सकती है, जिसने अपना चुंबकीय क्षेत्र खो दिया था।

    • पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से संबंध: पिछले दशकों में चुंबकीय क्षेत्र में आए झटकों को आंतरिक कोर परिवर्तनों से जोड़ा जा सकता है।
    • संभावित रूप परिवर्तन का कारण: जब ठोस आंतरिक कोर, गर्म तरल बाहरी कोर के संपर्क में आता है, तो तरल धातु प्रवाह और असमान गुरुत्वाकर्षण खिंचाव के कारण रूप परिवर्तन हो सकता है।
    • भूकंपीय तरंगों का विश्लेषण (1991-2023):  वैज्ञानिकों ने भूकंप से उत्पन्न झटकों (Earthquake Shockwaves) का अध्ययन करके आंतरिक कोर में हुए परिवर्तनों का विश्लेषण किया। → अध्ययन से पता चला कि 2010 के आसपास आंतरिक कोर की गति धीमी हो गई थी, लेकिन बाद में फिर से तेज हो गई → ससे संकेत मिलता है कि समय के साथ कोर में विकृति (Core Deformation) आई है