नॉर्थ सेंटिनल द्वीप: हाल ही में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में एक व्यक्ति को नॉर्थ सेंटिनल द्वीप के प्रतिबंधित जनजातीय आरक्षित क्षेत्र में कथित रूप से प्रवेश करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
o इसे भारतीय सरकार द्वारा संरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया है, ताकि सेंटिनली जनजाति की स्वायत्तता की रक्षा की जा सके और उन्हें संभावित रोगों से बचाया जा सके।
o संपूर्ण नॉर्थ सेंटिनल द्वीप और उच्च जल-चिन्ह (high-water mark) से 5 किलोमीटर तक का तटीय समुद्री क्षेत्र एक जनजातीय आरक्षित क्षेत्र के रूप में अधिसूचित है।
o ये वर्षावनों में शिकार और संग्रहण करते हैं तथा तटीय जल क्षेत्रों में मछली पकड़कर जीवनयापन करते हैं।
o ये बाहरी लोगों से संपर्क का प्रबल विरोध करते हैं और आगंतुकों का भाले और तीर से स्वागत करने के लिए जाने जाते हैं।
o शारीरिक और भाषाई समानताओं के आधार पर इन्हें जरावा जनजाति से संबंधित माना जाता है।
o भारतीय मानव विज्ञान सर्वेक्षण द्वारा कार्बन डेटिंग ने 2,000 साल पहले द्वीप पर उनकी उपस्थिति की पुष्टि की, जबकि जीनोम अध्ययनों से पता चलता है कि अंडमान जनजातियाँ 30,000 वर्षों से वहाँ रह रही थीं।
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