भारत जलवायु परिवर्तन पर 2015 पेरिस समझौते के तहत अपनी प्रतिबद्धता के हिस्से के रूप में अपनी पहली द्विवार्षिक पारदर्शिता रिपोर्ट (BTR) को अंतिम रूप दे रहा है।
द्विवार्षिकपारदर्शितारिपोर्ट (BTR) केबारेमें: रिपोर्ट में भारतकेग्रीनहाउसगैस (GHG) उत्सर्जन, शमनप्रयासोंऔरनवीकरणीयऊर्जामें परिवर्तन का विवरण दिया जाएगा।
नईआवश्यकता: पिछली द्विवार्षिक अद्यतन रिपोर्ट (BUR) और राष्ट्रीय संचार के विपरीत, BTR को स्वतंत्र, गैर-भारतीय UNFCCC-मान्यता प्राप्त विशेषज्ञों द्वारा तकनीकी समीक्षा से गुजरना होगा।
वैश्विकअधिदेश: ऐतिहासिक रूप से यह केवल विकसित देशों के लिए आवश्यक था, लेकिन COP-21 (2015 पेरिससमझौता) के बाद, सभी हस्ताक्षरकर्ताओं को BTR प्रस्तुत करना होगा।
COP-29 (बाकू, 2024) निर्णय: देशों ने निर्धारित प्रारूप में BTR प्रस्तुत करना शुरू कर दिया, हालांकि भारत सहित कई देश दिसंबर 2024 की समय सीमा से चूक गए।
डेटाकवरेज: भारत के नवीनतम BUR (दिसंबर 2024 में प्रस्तुत) में 2020 के उत्सर्जन को कवर किया गया।
भारतकाहिस्सा: वैश्विक उत्सर्जन में 4-5%, लेकिन प्रति व्यक्ति उत्सर्जन वैश्विक औसत के एक-तिहाई से कम है।
क्षेत्रवारउत्सर्जन (2020 डेटा): ऊर्जा क्षेत्र (75.66%) → कृषि (13.72%) → उद्योग (8.06%) → अपशिष्ट (2.56%)।
कार्बनअवशोषण: भारत के वनों और वृक्षावरण ने 2020 में लगभग 522 मिलियन टन CO₂ अवशोषित किया, जिससे कुल उत्सर्जन में 22% की कमी हुई।