हाल ही में हुए दो हत्या मामलों में, जिनमें विपरीत फैसले दिए गए - एक में आजीवन कारावास, दूसरे में मृत्युदंड - ने भारत में 'दुर्लभतम में दुर्लभ' सिद्धांत पर बहस छेड़ दी है।
o हत्या करने का तरीका - यदि यह अत्यंत क्रूर एवं जघन्य है।
o हत्या का उद्देश्य - यदि यह पूर्णतया अनैतिकता दर्शाता है।
o सामाजिक रूप से घृणित प्रकृति यदि पीड़ित अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित है या अपराध सामाजिक आक्रोश भड़काता है।
o अपराध का परिमाण - यदि पैमाना बड़ा और भयावह है।
o पीड़ित का व्यक्तित्व - यदि पीड़ित बच्चा, असहाय महिला या बुजुर्ग व्यक्ति है।
o शेरोन राज मर्डर केस (2022) - 'दुर्लभतम' के रूप में वर्गीकृत।