झूमर नृत्य

असम सरकार द्वारा आयोजित "झूमर बिनंदिनी" कार्यक्रम में असम के चाय बागानों से जुड़े 8,000 से अधिक कलाकार झूमर नृत्य प्रस्तुत करेंगे। यह आयोजन असम चाय उद्योग के 200 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया जा रहा है।

  • झुमैर नृत्य के बारे में: झुमैर नृत्य असम की चाय जनजाति समुदायों का पारंपरिक नृत्य है, जिसे पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में भी किया जाता है।

o आमतौर पर शरद ऋतु के दौरान खुले क्षेत्रों जैसे खेतों या पेड़ों के नीचे आयोजन किया जाता है।

o यह नृत्य मुख्य रूप से युवा लड़कियों द्वारा प्रस्तुत किया जाता है।

o पुरुष कलाकार ताल बनाए रखने, गायन करने और वाद्य यंत्र बजाने के लिए उनके साथ होते हैं।

  • संगीत और वाद्ययंत्र: यह मादल (दो सिरों वाला हाथ से बजाया जाने वाला ढोल) की ताल पर प्रस्तुत किया जाता है।
  • बांसुरी (Flute) और ताल (Cymbals) का उपयोग संगीत को मधुर और समरस बनाने के लिए प्रयुक्त होते हैं।
  • नृत्य की गतिविधियाँ: नर्तक एक-दूसरे की कमर पकड़ते हैं, और हाथों तथा पैरों को एक साथ आगे-पीछे हिलाते हैं।
  • थीम और उद्देश्य: इसमें गीत और संवाद शामिल होते हैं जो आम लोगों की खुशियाँ, दुख, प्रेम और आकांक्षाओं को दर्शाते हैं।
  • इसका प्रदर्शन धार्मिक पूजा, प्रणय, प्रेमालाप और वर्षा के लिए प्रार्थना के रूप में किया जाता है।
  • ऐतिहासिक महत्व: मूल रूप से यह कृषि कार्य से विराम के दौरान मनोरंजन का एक रूप था।