हाल ही में एक दुर्लभ ग्रहीय परेड हुई, जिसमें
सात ग्रह और चंद्रमा रात के आकाश में एक सीध में आ गए। इन घटनाओं को
ग्रहीय परेड कहा जाता है, जो एक दृश्य प्रभाव उत्पन्न करते हैं, जहाँ ग्रह सूर्य से अपनी दूरी के क्रम में एक पंक्ति में आते हुए प्रतीत होते हैं।
- ग्रहों के परेड के बारे में: एक घटना जहां ग्रह सूर्य से अपनी दूरी के क्रम में रात के आकाश में संरेखित होते हैं।
- आवृत्ति और दुर्लभता:
- सामान्य: तीन या चार ग्रहों का संरेखण हर कुछ वर्षों में एक बार होता है।
- दुर्लभ: सात या आठ ग्रहों का संरेखण बहुत ही दुर्लभ होता है।
- ग्रहों के परेड के बारे में: एक घटना जहां ग्रह सूर्य से अपनी दूरी के क्रम में रात के आकाश में संरेखित होते हैं।
- आवृत्ति और दुर्लभता:
o सामान्य: तीन या चार ग्रहों का संरेखण हर कुछ वर्षों में एक बार होता है।
o दुर्लभ: सात या आठ ग्रहों का संरेखण बहुत ही दुर्लभ होता है।
o 28 फरवरी की परेड में सात ग्रह शामिल थे - बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति, शनि, अरुण (यूरेनस) और वरुण (नेपच्यून)।
- दृश्यता: पास के ग्रह नग्न आंखों से दिखाई दिए, जबकि दूर के ग्रह (अरुण और वरुण) को देखने के लिए दूरबीन की आवश्यकता थी।
- अगली घटना: अगला ऐसा संरेखण वर्ष 2040 में होने की संभावना है, जिसमें छह ग्रह शामिल होंगे।