अरावली-दिल्ली फोल्ड बेल्ट

हाल ही में, दिल्ली के धौला कुआं (जोन 4) के पास 4 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया, जो पिछले पांच वर्षों में सबसे शक्तिशाली स्थानीय भूकंप था।

  • अरावली-दिल्ली फोल्ड बेल्ट के बारे में: यह क्षेत्र दक्षिणी और पूर्वी राजस्थान से हरियाणा और दिल्ली तक फैला हुआ है।
  • गठन (Formation): इसमें विकृत चट्टानो की परतें (Deformed Rock Layers) शामिल हैं, जो लाखों वर्ष पहले भूगर्भीय तनाव के कारण मुड़ गई थीं।
  • भूकंपीय गतिविधि (Seismic Activity): ऐतिहासिक रूप से, यह क्षेत्र अधिक सक्रिय था, लेकिन अब विवर्तनिक गतिविधियां (Tectonic Activity) धीमी हो गई हैं, जिससे यह अपेक्षाकृत स्थिर हो गया है।

o अवशिष्ट भूगर्भीय भ्रंश (Residual Geological Faults) के कारण कभी-कभी हल्के भूकंप आते रहते हैं।

o हिमालयी क्षेत्र की तुलना में, जहां भूकंप भारतीय प्लेट के यूरेशियन प्लेट के नीचे धंसने (Subduction) के कारण आते हैं, दिल्ली में भूकंप प्राचीन चट्टानों के भीतर स्थानीयकृत तनाव (Localized Stress) के कारण आते हैं।

  • भूकंप के बारे में: यह पृथ्वी की सतह का अचानक हिलना है, जो पृथ्वी की क्रस्ट में तनाव संचय के कारण ऊर्जा मुक्त होने से उत्पन्न होता है।
  • भूकंप के प्रकार:

o टेक्टोनिक भूकंप (Tectonic Earthquakes) – टेक्टोनिक प्लेटों की गति के कारण उत्पन्न होते हैं, जो सबसे सामान्य प्रकार के भूकंप होते हैं (उदाहरण: हिमालयी भूकंप)।

o ज्वालामुखीय भूकंप (Volcanic Earthquakes) – ज्वालामुखीय गतिविधि से जुड़े होते हैं, जो मैग्मा की गति के कारण होते हैं (उदाहरण: माउंट सेंट हेलेंस का विस्फोट)।

o ध्वंस भूकंप (Collapse Earthquakes) – गुफाओं या खदानों के ध्वस्त होने के परिणामस्वरूप उत्पन्न  होते हैं, आमतौर पर इनकी तीव्रता कम होती है।

o प्रेरित भूकंप (Induced Earthquakes) – मानवीय गतिविधियों के कारण उत्पन्न होते हैं, जैसे जलाशयों से प्रेरित भूकंपीयता, खनन, और भू-तापीय ऊर्जा निष्कर्षण।