3.अमेरिका-भारत 123 असैन्य परमाणु समझौता: हाल ही में, भारत और अमेरिका ने द्विपक्षीय ऊर्जा सुरक्षा साझेदारी के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि की है, ताकि अमेरिका भारत के लिए एक प्रमुख तेल और गैस आपूर्तिकर्ता बन सके।
oपरमाणु ऊर्जा अधिनियम, 1962: परमाणु ऊर्जा संयंत्र परिचालन में निजी क्षेत्र की भागीदारी की अनुमति देने के लिए संशोधन प्रस्तावित है, जो वर्तमान में NPCIL और संयुक्त उद्यमों तक सीमित है।
oपरमाणु क्षति के लिए नागरिक दायित्व अधिनियम, 2010 (CLNDA): मूल रूप से परमाणु दुर्घटनाओं के पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए बनाया गया था। → विदेशी कंपनियां देयता संबंधी चिंताओं के कारण इसे निवेश में बाधा बताती हैं। → परमाणु रिएक्टरों में अमेरिका-भारत सहयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए संशोधन की योजना बनाई गई है।