अंतर्राष्ट्रीय AI सुरक्षा रिपोर्ट 2025

अंतर्राष्ट्रीय AI सुरक्षा रिपोर्ट 2025: ब्रिटिश सरकार के विज्ञान, नवाचार और प्रौद्योगिकी विभाग (The Department for Science, Innovation and Technology) और AI सुरक्षा संस्थान (अब AI Security Institute) ने हाल ही में प्रथम अंतर्राष्ट्रीय AI सुरक्षा रिपोर्ट 2025 जारी की।

  • रिपोर्ट के मुख्य बिंदु: रिपोर्ट में AI उपकरणों का उपयोग करके बाल यौन शोषण सामग्री (CSAM ) के निर्माण, कब्जे और प्रसार के आसन्न जोखिम की ओर संकेत किया गया है।

o ब्रिटेन सरकार AI-जनित CSAM से उत्पन्न खतरों से निपटने के लिए पहला विधायी प्रयास कर रही है।

o CSAM का तात्पर्य ऐसी सामग्री (ऑडियो, वीडियो और चित्र) से है जिसमें किसी बच्चे का यौन रूप से स्पष्ट चित्रण किया गया हो।

o WEF (2023) ने उजागर किया कि जनरेटिव AI विशेषकर बच्चों जैसी छवियाँ बनाने में सक्षम है।

o इंटरनेट वॉच फाउंडेशन (अक्टूबर 2024) ने खुले वेब पर CSAM के प्रसार की रिपोर्ट दी है।

  • आगे की राह: भारत सरकार को इन नए खतरों से निपटने और दीर्घकालिक प्रभावशीलता सुनिश्चित करने हेतु मौजूदा कानूनों में संशोधन करना चाहिए:

o NHRC की सलाह (अक्टूबर 2023): POCSO अधिनियम के तहत 'चाइल्ड पोर्नोग्राफी' की जगह 'CSAM' शब्द का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

o आईटी अधिनियम की धारा 67B के अंतर्गत ‘यौन स्पष्ट’ की परिभाषा दी जाए ताकि CSAM की वास्तविक समय में पहचान और अवरोधन संभव हो।

o आईटी अधिनियम के तहत ‘मध्यस्थ’ को पुनः परिभाषित किया जाए, जिसमें VPNs, VPS और क्लाउड सेवाएं शामिल हों, जिससे वे CSAM अनुपालन के लिए उत्तरदायी बन सकें।

o ‘आपराधिक उद्देश्यों के लिए सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के उपयोग का मुकाबला करने’ पर संयुक्त राष्ट्र मसौदा सम्मेलन को अपनाना।

o प्रस्तावित डिजिटल इंडिया अधिनियम 2023 को ब्रिटेन के कानून से प्रेरणा लेकर एआई द्वारा निर्मित CSAM प्रावधानों को सम्मिलित करना चाहिए।