डायर भेड़िया (Dire Wolves) का पुनर्जीवन: टेक्सास की एक बायोटेक्नोलॉजी कंपनी कोलोसल बायोसाइंसेज ने हाल ही में घोषणा की है कि उसने एक डायर भेड़िया, एक विशाल शिकारी जो 12,000 वर्ष पहले विलुप्त हो गया था, को "पुनर्जीवित" किया है।
o समानता: ग्रे भेड़िया और डायर भेड़िया (Aenocyon dirus) के जीनोम 99.94% एक जैसे हैं, अर्थात् 2.445 बिलियन बेस पेयर्स समान हैं।
o अंतर: शेष 0.06% (या 1.47 मिलियन बेस पेयर्स) दोनों को आनुवंशिक रूप से अलग बनाते हैं।
o तुलना: मनुष्य और चिम्पैंजी 98.77% DNA साझा करते हैं, फिर भी बहुत अलग हैं — यह दर्शाता है कि छोटे आनुवंशिक अंतर भी महत्वपूर्ण होते हैं।
o कोलोसल की विधि: वैज्ञानिकों ने ग्रे वुल्फ के जीनोम में अंतर्रोप किया और भ्रूणों को कुत्ते की स्थानापन्न माताओं में प्रत्यारोपित किया।
o आनुवंशिक संपादन (Genetic edits): डायर भेड़िया को “पुनः निर्मित” करने के लिए 14 जीनों में 20 स्थानों पर संपादन किए गए।
o अनुमान: ये अंतर्रोप कुल आनुवंशिक अंतर का केवल 0.02% दर्शाते हैं, जो यह संकेत देता है कि ये शावक वास्तव में डायर भेड़िया नहीं हैं।
o LCORL जीन: अंतर्रोप जीनों में से एक LCORL है, जो डायर भेड़िया में बड़े शरीर के आकार से जुड़ा हुआ है।
o परिणाम: कोलॉसल बायोसाइंसेज़ ने वास्तविक डायर वुल्फ़ के स्थान पर, उनके समान दिखाई देने वाले ग्रे वुल्फ़ तैयार किए हैं।