कोच राजबोंगशी समुदाय

कोच राजबोंगशी समुदाय: असम के कोच-राजबोंगशी समुदाय ने हाल ही में अनुसूचित जनजाति (ST) दर्जे की मांग की है।

अन्य पाँच समुदाय: आदिवासी, अहोम (Ahoms), चुटिया (Chutias), मातंग (Mataks), और मोरान (Morans) भी ST दर्जे की मांग कर रहे हैं।
  • इसके बारे में: कोच राजबोंगशी पश्चिमी असम और उत्तरी पश्चिम बंगाल के सबसे बड़े समुदायों में से एक हैं, वर्तमान में उन्हें अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) का दर्जा प्राप्त है।
  • असम में आरक्षण कोटा: OBC - 27%, ST (मैदानी) – 10%, अनुसूचित जाति (SC)– 7%, ST (पहाड़ी) – 5%।
  • असम में 10 मौजूदा ST समुदाय - बोडो, राभा, तिवा, कार्बी, दिमासा, मिशिंग, सोनोवाल, हाजोंग, गारो और देउरी- इन, ये समुदाय छह नए समूहों को ST दर्जा दिए जाने का विरोध कर रहे हैं
  • विगत घटनाक्रम: केंद्र ने 1996 में छह महीने के लिए कोच राजबोंगशी को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया था
  • विरोध के बाद इसे रद्द कर दिया गया, क्योंकि इससे अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित 42 मेडिकल सीटों में से 33, तथा अन्य के अलावा इंजीनियरिंग की 21 सीटों में से 17 सीटें पर सफलता प्राप्त कर ली थी।
  • अनुसूचित जनजाति (ST) सूची में शामिल होने के मानदंड:आदिम लक्षणों के संकेत → विशिष्ट संस्कृति → भौगोलिक अलगाव → बड़े समुदाय के साथ संपर्क में संकोच → पिछड़ापन।

oये मानदंड संविधान में स्पष्ट रूप से उल्लिखित नहीं हैं।

  • अनुच्छेद 342: अनुसूचित जनजाति निर्दिष्ट करने की प्रक्रिया
  • धारा (1): राष्ट्रपति किसी भी जनजाति या समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) के रूप में अधिसूचित कर सकते हैं।

oयदि यह किसी राज्य से संबंधित है, तो राज्यपाल से परामर्श लेना आवश्यक है।

oयह अधिसूचना जनजाति को संवैधानिक दर्जा प्रदान करती है, जिससे वे संविधान के तहत सुरक्षा उपायों के लिए पात्र हो जाते हैं।

  • धारा (2): संसद के पास कानून के माध्यम से ST सूची में समुदायों को जोड़ने या हटाने की शक्ति है।
  • राज्य/संघ राज्य क्षेत्र-विशिष्ट ST सूची: ST सूची राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में अलग-अलग होती है। एक राज्य/संघ राज्य क्षेत्र में ST के रूप में मान्यता प्राप्त समुदाय को दूसरे राज्य में समान दर्जा नहीं मिल सकता है।