एंटी-सैटेलाइट (ASAT) हथियार परीक्षण / रेंडेज़वस और प्रॉक्सिमिटी ऑपरेशंस (RPO)

एंटी-सैटेलाइट (ASAT) हथियार परीक्षण / रेंडेज़वस और प्रॉक्सिमिटी ऑपरेशंस (RPO): यूरोपीय संघ के विशेष अंतरिक्ष दूत ने हाल ही में एंटी-सैटेलाइट (ASAT) हथियार परीक्षण, रेंडेज़वस और प्रॉक्सिमिटी ऑपरेशंस (RPOs), और अंतरिक्ष में साइबर जैमिंग/स्पूफिंग से उत्पन्न खतरों को उजागर किया। इसके साथ ही, उन्होंने अंतरिक्ष में जिम्मेदार व्यवहार के लिए एक वैश्विक ढांचे के विकास में भारत की भूमिका को भी रेखांकित किया।

  • एंटी-सैटेलाइट (ASAT) हथियार परीक्षण के बारे में: ASAT परीक्षण से उत्पन्न मलबा उपग्रहों के लिए बड़ा खतरा बनता है। यूरोपीय संघ ASAT परीक्षण पर संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध का समर्थन करता है।

o भारत का ASAT परीक्षण (मार्च 2019) ने 300 किमी की निम्न पृथ्वी कक्षा में एक उपग्रह को तीन-चरणीय इंटरसेप्टर से नष्ट किया।

o कई देशों ने ASAT परीक्षण किए हैं, जिससे अंतरिक्ष मलबा बढ़ा है। अभी तक EU-भारत के बीच कोई विशेष ASAT वार्ता नहीं हुई है; ध्यान सहयोग पर है।

  • रेंडेज़वस और प्रॉक्सिमिटी ऑपरेशंस (RPO) के बारे में: इसमें एक अंतरिक्ष यान का किसी अन्य अंतरिक्ष वस्तु के पास जाना शामिल होता है।

o RPO स्वयं में खतरनाक नहीं हैं, लेकिन इन्हें नियमित किए जाने की आवश्यकता है।

o भारत-EU अंतरिक्ष संवाद की योजना है, जिससे जिम्मेदार RPO के लिए मानक तय किए जा सकें।

o संवेदनशील उपग्रहों के निकट शत्रुवृत्तिपूर्ण तत्वों द्वारा बिना पूर्व सूचना के RPO (निकटता एवं सन्निकटन संचालन) का क्रियान्वयन एक गम्भीर सुरक्षा जोखिम उत्पन्न करता है

o उद्देश्य है — स्वीकार्य अंतरिक्ष व्यवहारों के लिए अंतर्राष्ट्रीय समझौते बनाना

  • अन्य मुख्य बिंदु: साइबर जैमिंग और स्पूफिंग, अंतरिक्ष-आधारित सेवाओं के लिए खतरा हैं। अंतरिक्ष मलबा सुरक्षा संबंधी चुनौतियाँ और दुर्घटनाओं का खतरा उत्पन्न करता है।

o प्रस्तावित भारत-EU अंतरिक्ष संवाद का उद्देश्य नियामक अंतर को भरना और व्यापारिक वातावरण  को बढ़ावा देना है। आगामी EU स्पेस एक्ट का उद्देश्य समन्वय, सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करना है।